आज योग एक जीवन दर्शन बन गया है: स्वामी रामदेव

 

हरिद्वार, 19 जून। योगऋषि स्वामी रामदेव जी महाराज के दिशानिर्देशन में पतंजलि योगपीठ ने योग को वैश्विक स्तर पर पुनः प्रतिष्ठित किया है। यह स्वामी जी महाराज के अखण्ड-प्रचण्ड पुरुषार्थ का ही परिणाम है कि प्रत्येक वर्ष 21 जून को पूरा विश्व अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रंग में रंगा नजर आता है।
गत वर्षों की भांति इस वर्ष भी पतंजलि योगपीठ ने अंतर्राष्ट्रीय योगदिवस को लेकर विशेष योजना बनाई है तथा कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए बड़ी तैयारियाँ चल रही हैं। योग दिवस कार्यक्रम में हरिद्वार-रूड़की के लगभग 200 गाँवों से लोग योग सत्र में भाग लेंगे। इस वर्ष पतंजलि द्वारा अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की थीम ‘स्वयं और समाज के लिए योग’ रखी गई है जिसके अन्तर्गत योगग्राम में अभ्यास सत्र के दौरान पूज्य स्वामी जी महाराज ने कहा कि विभिन्न वैज्ञानिक शोध में पाया गया कि विविध साध्य-असाध्य रोगों जैसे- मधुमेह, मोटापा, रक्तचाप, अस्थमा, थायराइड, हृदय रोग, किडनी रोग, उदर रोग, ऑटो इम्यून डिजीज आदि में योग से लाभ मिलता है। उन्होंने कहा कि योग को अपने जीवन में आत्मसात कर स्वस्थ व निरोगी जीवन प्राप्त किया जा सकता है। स्वामी जी ने बताया कि पतंजलि वैलनेस की इंटिग्रेटेड चिकित्सा पद्धति के अन्तर्गत विविध थैरेपियों यथा- पंचकर्म, षट्कर्म, एक्यूप्रेशर, एक्यूपंक्चर, सिंगी थेरेपी आदि से लाखों-करोड़ों लोग स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर चुके हैं।
इस अवसर पर स्वामी जी महाराज ने कहा कि पतंजलि के तत्वावधान में वर्तमान में चल रही योग क्रान्ति से पुनः अतीत की पुनरावृत्ति हुई है। पंतजलि के अनुसंधान ने योग को विज्ञान की कसौटी पर कसा और आज योग एक जीवन दर्शन बन गया है। योग के अभ्यास से युवा पीढ़ी सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ रही है और अपराध, भ्रष्टाचार, हिंसा आदि से रहित होकर एक सकारात्मक, सृजनात्मक, गुणात्मक व उत्पादक समाज के निर्माण में सहभागी बन रही है।
इसी क्रम में मुख्य महिला केन्द्रीय प्रभारी साध्वी देवप्रिया जी के नेतृत्व में भारत स्वाभिमान मुख्यालय के सभागार में योग दिवस की तैयारियों को लेकर बैठक हुई जिसमें बैठक व्यवस्था, साउण्ड, लाइट, भोजन, आकस्मिक सेवाओं आदि सभी विषयों पर गहन विचार-विमर्श हुआ। बैठक में मुख्य केन्द्रीय प्रभारी भाई राकेश ‘भारत’ ने व्यवस्थाओं में नियुक्त प्रभारियों के समक्ष कार्यक्रम की विस्तृत रूपरेखा प्रस्तुत की।
बैठक में स्वामी परमार्थदेव, स्वामी बजरंगदेव, स्वामी आर्षदेव, स्वामी ईशदेव, स्वामी विनयदेव स्वामी तीर्थदेव, मुख्य महाप्रबंधक ब्रिगेडियर टी.सी. मल्होत्रा, भाई दिलिप सहित सभी व्यवस्थाओं में नियुक्त प्रभारिगण उपस्थित रहे।

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